। ये जीवन है .. साहब ।
*ये जीवन है... साहब..*
*उलझेंगे नहीं,*
*तो सुलझेंगे कैसे..*
*और बिखरेंगे नहीं,*
*तो निखरेंगे कैसे....*
*जय श्री राम 🙏*
*ये जीवन है... साहब..*
*उलझेंगे नहीं,*
*तो सुलझेंगे कैसे..*
*और बिखरेंगे नहीं,*
*तो निखरेंगे कैसे....*
*जय श्री राम 🙏*
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